The Ultimate Guide To Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana



डर के सामने असहाय महसूस करना, भले ही आप जानते हों कि यह तर्कहीन है

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अपने अंदर के डर को कैसे दूर भगाएं

अपनी कल्पना का प्रयोग शांत होने के लिए करें, खुद को डराने के लिए नहीं।

आप कानून से डर सकते हैं लेकिन समाज में आप डर के साथ काम नहीं कर सकते हैं। डर कैसा भी हो सकता है जैसे अधिकारी का डर, अपनों से बड़ों का डर, प्रिय व्यक्ति को खो देने का डर, नौकरी चले जाने का डर या फिर उत्पीड़न का डर। सच्चाई यही है कि मन से डर को कैसे निकालें, यह बात हमें कोई सिखाता ही नहीं है। और जब तक यह डर मन से नहीं निकलता हम कोई भी काम कर पाने में असमर्थ होते हैं। जीवन में डर भोजन में नमक जितना ही अच्छा है। इस लेख में हम मन के डर को कैसे दूर करें इसके रहस्यों के बारे में जानेगें।

डर को दूर करने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप अपने डर को पहचानें और जान लें कि वास्तव में क्या चीज है जिससे आप डरते हैं। जब आप डर की स्थिति में हों, तो उस वक्त आपके दिमाग में क्या चीजें और विचार चल रहे हैं, कैसी तस्वीरें बन रही हैं, उन पर ध्यान दें। क्या आप सच में डरे हुए हैं या यह केवल एक बाहरी प्रेशर है। अपने इनर स्पेस का एक ऑब्ज़र्वर बनें।

अगर आप भी जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने से डरते हैं। तो इन आसान टिप्स की मदद से आप अपने डर को दे सकते हैं मात। जानें कैसे करें मज़बूती से अपने डर का सामना।

सभी इंसानों में उनके विचार, निर्णय और आदतें छ: मानवीय जरूरतों से प्रभावित रहतीं है। हममें से बहुतों के लिए निश्चित चीजों का होना एक जरूरत है। जब कभी हमारे साथ ऐसा कुछ होने लग जाता है जिसके विषय में हमने कभी सोचा नहीं तो हमें डर लगने लगता है, कुछ अनिश्चित होने का डर ही हमें हमारे कंफर्ट जोन से बाहर निकलने नहीं देता। जिससे हम कभी अपने डर के आगे देख ही नहीं पाते और एक ही जगह फंसे रहते हैं।

गरीबी और असफलताओं से डर नहीं खाकर वे भारत के “मिसाइल मैन” और राष्ट्रपति बने।

जिन बातों से या चीजों से हमें डर लगता Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana है अक्सर वे हमें बार-बार याद आती हैं और हर काम में मुश्किल खड़ी कर देती है। इन घटनाओं को भूलने या इनसे छुटकारा पाने के लिए योग और ध्यान सबसे सरल उपाय है। ध्यान और नियमित व्यायाम करना डर दूर करने का मंत्र है।

इसमें पीड़ित व्यक्ति को किसी भी चीज, स्थान, परिस्थिति और वस्तु को लेकर डर हो सकता है। डर लगने की स्थिति में अत्याधिक और ओवर रिएक्शन शामिल होता है। जब डर जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए तो वह मानसिक विकार का रूप ले लेता है।

अपने डर को तर्क से तोलें – “सबसे बुरा क्या हो सकता है?”

यदि अपने अंदर के डर को खत्म करना चाहते हैं तो पहले डर के मूल कारण को जानना होगा, डर क्या है?

वहां उसके साथ कुछ ऐसी बातें हो जाती हैं, या ऐसे काम हो जाते हैं या उसके आस पास ऐसे वाकये हो जाते हैं जिससे धीरे धीरे उसका डर बढ़ता चला जाता है.

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